छत्तीसगढ़: 1975 में बनी स्कूल भवन में पढ़ने मजबूर हैं बच्चे … खपरैल वाली स्कूल भवन मे पढ़ाई करते हैं छात्र…. नये स्कूल भवन के लिए तरस रहा है यहां गांव …. चमनबहार।

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कोरबा । विकासखण्ड कोरबा के ग्राम तौलीपाली में प्राथमिक शाला भवन के लिए तरस गया है। वर्ष 1975 में निर्मित खपरैल भवन वर्षों से जर्जर हालत में है लेकिन जनप्रतिनिधियों से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता ने यहां के विद्यार्थियों को बेहतर माहौल से वंचित रखा है। यहां पुराने भवन की दीवारों पर दरारें आ चुकी हैं, फर्श भी टूट चुके हैं।

खपरैलयुक्त छत पूरी तरह से जर्जर स्थिति में है। स्कूल प्रबंधन द्वारा विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी कई बार दी जा चुकी है लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है। जर्जर भवन में प्राथमिक शाला के बच्चे बैठ रहे हैं।

वही बता दें कि तौलीपाली के शासकीय प्राथमिक शाला भवन की जर्जर स्थिति पर पूर्व में त्वरित संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने नया भवन बनाने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए थे।

उन्होंने इस शाला के नए भवन के लिए निर्माण एजेंसी के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण कर तकनीकी पहलुओं के आधार पर भवन बनाने का विस्तृत प्रस्ताव तथा उसका अनुमानित प्राक्कलन तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए थे लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी।

आपको यह भी बता दें कि प्राथमिक शाला परिसर में बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण यहां गांव के असामाजिक तत्वों का डेरा लगा रहता है। ये यहां खिड़की, दरवाजा सहित अन्य सामानों में तोड़-फोड़ करते हैं।

इसके साथ ही स्कूल के सामानों की चोरी भी आम हो गई है। इसकी शिकायत ग्रामीण कई बार कर चुके हैं मगर इस ओर शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिधियों का ध्यान न जाने क्यों नहीं गया है।

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