छत्तीसगढ़:स्कूल बना तालाब… घंटों फंसे रहे बच्चे….शिक्षा विभाग का कोई ध्यान नहीं… चुप्पी साधे बैठे हैं DEO- BEO…. ऐसे में कैसे बनेगा बच्चों का भविष्य … चमनबहार।

धमतरी ।

समंदर बने स्कूल में घंटों मासूम स्कूली बच्चे फंसे रहे । बाद में परिजनों ने किसी तरह से बच्चों को स्कूल परिसर से निकाला , तो घर जा सके । शिक्षा के मंदिर की दुर्दशा बयां करती ये तस्वीर नगरी के इंग्लिश मीडियम स्कूल की है । कहते हैं सरकार ने बच्चों की पढ़ाई के लिए खजाने खोल दिये हैं । लाखों के गणवेश व किताबें और करोड़ों की बिल्डिंग और क्लासरूम बना दिये हैं , लेकिन असल जिंदगी में बच्चों के स्कूल का क्या हाल है ?

इन तस्वीर को देखकर अहसास कीजिये । हैरानी इस बात की नहीं है कि स्कूल में पानी भरा है , ताज्जुब तो इस बात की है कि इस पूरे मामले पर DEO – BEO जैसे अधिकारी चुप्पी साध बैठे हैं । धमतरी में सोमवार को हुई एक घंटे की बारिश में ही स्कूल का हाल बदहाल हो गया।प्रायोगिक शाला नगरी अंग्रेजी माध्यम स्कूल पानी में डूब गया । नजारा देखकर तो लग रहा था , मानो तालाब के बीच में बच्चों का स्कूल तैर रहा हो ।

माना , बारिश पर किसी का जोर नहीं है , लेकिन बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर व स्कूलों में जलभराव को दूर करने के लिए जो कदम उठाने चाहिये थे , वो नहीं उठाये गये , जिसका खामियाजा बच्चों को उठाना पड़ रहा है । स्कूलों में पानी भर रहा है और हादसों को आमंत्रण दे रहा है ।

पानी भर जाने की वजह से स्कूल में फिसलन हो गया , जो हादसे को आमंत्रित कर रहा था । यही बरसाती पानी से जहरीले जीव के भी आने का खतरा है । लेकिन इस मामले पर अधिकारियों ने अब तक किसी तरह का संज्ञान नहीं लिया है । इधर बारिश में फंसे बच्चों की सूचना परिजनों को हुई तो किसी तरह से परिजनों ने बच्चों को गोद में भर – भरकर बाहर निकाला ।

नगरी विकासखंड का एक मात्र शासकीय अंग्रेजी माध्यम सीबीएसई स्कूल में क्लास 1 से क्लास 5 तक 150 सौ से भी ज्यादा बच्चे पढ़ाई करने आते है । क्लास सिक्स से आठवी तक क्लास दूसरी जगह संचालित होती है । पानी इतना ज्यादा था कि बच्चों का निकलना मुश्किल हो गया । लिहाजा परिजन अपने बच्चों को लेने पहुंचे और फिर किसी तरह से बच्चे को उठाकर स्कूल परिसर से बाहर निकाला गया ।

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