सीएम भूपेश बघेल ने दी प्रदेशवासियों को पोरा तिहार की बधाई….. पढ़ें पूरी खबर चमन बहार के साथ…..

रायपुर। छत्तीसगढ़ी लोक परंपरा का पोला पर्व 6 सितंबर को है । छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहार पोला पर्व प्रदेशभर में धूमधाम से मनाया जाता है । किसान के साथ हर वर्ग के लोग इस दिन बाजार में मिट्टी से बने बर्तन व बैलों को सजाकर छत्तीसगढ़ी व्यजनों का भोग लगाकर पूजा करते हैं ।

पूजा के बाद बैलों को आकर्षक तरीके से सजाकर बैल दौड़ प्रतियोगिता भी होती है।पर इस साल बैल दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन नहीं होगा । पोला पर्व कृषि प्रधानता का पहचान है । जब फसल खेतों में लहलहाने का समय होता है , तो किसान परिवार यह उत्सव धूमधाम से मनाते हैं। गृहणियां इस पर्व पर सुबह से गुडहा चीला , अनरसा , सोहारी , चौसेला , ठेठरी , खूरमी , बरा , मुरकू , भजिया , मूठिया , गुजिया , तसमई आदि छत्तीसगढी पकवान बनाने मे लग जाती हैं । पूजा कर गाय – बैल को खिलाकर तब किसान परिवार खाता है ।

सीएम भूपेश बघेल ने दी बधाई……

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को पोला तिहार की दी बधाई मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों विशेष रूप से किसान भाइयों को पारंपरिक पोला तिहार की बधाई और शुभकामनाएं दी है । इस अवसर पर उन्होंने सभी नागरिकों की सुख – समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की है । आज यहां पोरा तिहार की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में सीएम

बघेल ने कहा है कि पोला तिहार हमारे जीवन में खेती – किसानी और पशुधन का महत्व बताता है । यह छत्तीसगढ़ की परम्परा , संस्कृति और लोक जीवन की गहराइयों से जुड़ा पर्व है । इस दिन घरों में उत्साह से बैलों और जाता – पोरा की पूजा कर अच्छी फसल और घर को धन – धान्य से परिपूर्ण होने के लिए प्रार्थना की जाती है । श्री बघेल ने कहा कि तीज – त्यौहार हमारी संस्कृति और परम्पराओं का संवाहक होते हैं । यह हमारी धरोहर को अगली पीढ़ी तक पहुंचाते हैं । खेल – खेल में बच्चे अनजाने ही अपनी मिट्टी और उसके सरोकारों को जुड़ते चले जाते हैं । श्री बघेल ने कहाकि यह हमारा दायित्व है कि आने वाली पीढ़ियों को अपनी समृद्ध संस्कृति का परिचय कराएं और उसके संरक्षण और संवर्धन का प्रयास करें ।

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