हसदेव अरण्य: परसा कोल ब्लॉक आवंटन में हाईकोर्ट ने क्या कहा….? ग्रामीणों की याचिका खारिज…CM भूपेश बघेल ने ऐसी बात कही सभी लोगों को जानना जरूरी….

बिलासपुर।

हाईकोर्ट ने परसा कोल ब्लॉक आवंटन को वैधानिक करार देते हुए ग्रामीणों की याचिकाओं को खारिज कर दिया है । कोर्ट ने कहा कि देशभर में कोयले की कमी है , ऐसे में कोल उत्पादन कंपनी के कामों पर हस्तक्षेप करना उचित नहीं है । हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी और जस्टिस आरसीएस सामंत की डिवीजन बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को परसा कोल ब्लॉक आवंटित किया है । हसदेव अरण्य में स्थित परसा कोल ब्लॉक को चुनौती देते हुए मंगल साय , ठाकुर राम , मोतीराम , आनंद राम , पानिक राम ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका प्रस्तुत की थी ।

इस पर 4 और 5 मई को परसा कोल ब्लॉक में खुदाई पर रोक लगाने के लिए बहस हुई थी । साथ ही पेड़ों की कटाई पर भी रोक लगाने के लिए आवेदन प्रस्तुत कर बहस की गई थी । बुधवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया । परसा कोल ब्लॉक आवंटन के लिए जमीन का अधिग्रहण और पेड़ों की कटाई को केंद्र की नीति को कोर्ट ने वैधानिक माना है ।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि परसा कोल माइंस की अनुमति केंद्र सरकार ने दी है । केन्द्र की अनुमति के बद हमें भी इसकी अनुमति देनी पड़ी । यदि ऐसा नहीं करते तो राज्य सरकार पर सवाल उठते । उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के हितों को ध्यान में रखते हुए खनिज का दोहन सही तरीके से हो , इसका ख्याल रखा जाए । नियमों के विपरीत काम नहीं होना चाहिए । मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को बिजली चाहिए या नहीं , यह देश को तय करना है ।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कोल नीति को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कोयला घोटाले की आशंका भी जाहिर कर दी । सीएम ने कहा , विदेशों से 15-12 की दर पर कोयला लिया जा रहा है । लगता है कि इसमें स्कैम हो रहा है कोयले की कमी बताकर कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है , जबकि रेल मंत्री से कई बार इस पर बात हो चुकी है ।

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