कसडोल एसडीएम के खिलाफ ट्रैक्टर संचालकों का गुस्सा फुटा….. संचालकों ने कहा कार्यवाही का भाय दिखाकर 8 से 12 हजार की मांग करता है…. 50 ट्रैक्टर संचालकों ने एसडीएम ऑफिस के सामने खड़ी कर दी ट्रैक्टर….

बलौदाबाजार। कसडोल एसडीएम मिथलेश डोंडे के खिलाफ कसडोल क्षेत्र के ट्रैक्टर मालिकों का गुस्सा फूट पड़ा है शुक्रवार को सभी ट्रैक्टर मालिक कसडोल एसडीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए , कसडोल एसडीएम कार्यालय पहुंचे और कसडोल एसडीएम के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर बलौदाबाजार जिले के कलेक्टर के नाम पर कसडोल तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा ,दरअसल ट्रैक्टर मालिकों का आरोप है कि कसडोल एस डी एम मिथलेश डोंडे के द्वारा ट्रैक्टर मालिकों से कार्यवाही का भय दिखाकर लगातार अवैध वसूली किया जा रहा है । एक बार फिर राजस्व विभाग कसडोल को कटघरे में खड़ा कर दिया है, हाल ही में कुछ दिन पहले कसडोल तहसील के अंतर्गत ग्राम बाघामाडा के किसानों ने पटवारी भरत राम वर्मा के खिलाफ रिश्वत लेने का आरोप लगाते रिश्वत लेते वीडियो भी पेश किया गया जिसके बाद पटवारी को निलंबित कर दिया गया , निलंबित करने वाले कोई और नही स्वयं कसडोल एसडीएम मिथलेश डोंडे ही थे आज ट्रैक्टर मालिकों के द्वारा स्वयं एस पर अवैध वसुली का आरोप लगाया जा रहा है। अब कार्यवाही करने वाले एसडीएम पर कार्यवाही होती है या नहीं बड़ा सवाल है ?

ट्रैक्टर मालिको का कहना है की उनके द्वारा किसानों के मकान अन्य उपयोगिता के हिसाब से रेत , गिट्टी , मुरम , ईट , मिट्टी की ढुलाई ट्रेक्टर द्वारा किया जाता है , लेकिन कसडोल एस डी एम के द्वारा भरी गाड़ियों में कार्यवाही का भय दिखाकर उनसे 8 हजार से लेकर 12 हजार रुपयों तक की वसूली किया जाता है , वसूली की गई रकम की रशीद ट्रैक्टर मालिकों को नहीं दिया जाता , कसडोल एसडीएम के द्वारा लगातार ट्रैक्टर मालिकों से वसूली किया जा रहा है, जिसके खिलाफ में आज धरना प्रदर्शन किया गया । वही पुरे मामले में एसडीएम डोंडे ने कहा ये उन पर झूठा आरोप हैं उनके द्वारा कभी किसी से अवैध तरीके से कोई वसुली नही की गई हैं । हालांकि कसडोल एसडीएम ने सभी बातों को गलत बताते खुद को बेबुनियाद बताए ,लेकिन सोचने वाली बात ये हैं की आखिर ग्रामीण आरोप लगाने के पीछे का कारण क्या हैं ।

इस क्षेत्र में रोजाना लगभग 200 से 300 ट्रेक्टर संचालित है ।जिसमे लगभग 1000 मजदूरों का जीवन- यापन होता है । जिले में लॉकडाउन होने के कारण कई महीनों से ट्रेक्टर घर मे खड़ी थी । जिसके कारण ट्रेक्टर की क़िस्त भी नही चुका पा रहे थे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्राम पंचायतों में जो घर निर्माण किया जा रहा है उसमें रेती , गिट्टी , ईट की सप्लाई किया जा रहा है । लेकिन कसडोल अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मिथिलेश डोंडे द्वारा ट्रेक्टर को रोककर 8 से 10 हजार तक का वसूली किया जाता है, उसके बाद ही ट्रेक्टर छोड़ते है । इस स्थिति में 1000 मजदूर के परिवारों व ट्रेक्टर मालिको की रोजी – रोटी की बाधा उत्पन्न हो रही है, साथ ही ट्रेक्टर न चलने पर क़िस्त पटाना नामुमकिन हो रहा है । ट्रैक्टर संचालकों ने मुख्यमंत्री , मुख्य सचिव व कलेक्टर को पत्र प्रेषित कर निवेदन किया है कि हमारी मांग है कि ट्रेक्टर के लिए उचित रॉयल्टी दर का निर्धारण कर रेत परिवहन करने की अनुज्ञा प्रदान की जाए । गौर करने वाली बात यह है कि 15 जून से 15 अक्टूबर तक प्रदेश के पूरे रेत खदान पूरी शासन के द्वारा बंद कर दी गई है।

कुछ महीने पहले जोंक नदी पर रेत खनन बड़ी मात्रा में हो रही थी जिस पर क्षेत्र के लोगों को कोई बड़ी करवाई कार्यवाही देखने को नहीं मिला, बल्कि नाम मात्रा 2- 4 ट्रैक्टर , हाईवे पर कार्यवाही कर चले जाते थे, इससे आक्रोशित होकर रामपुर के ग्रामीण ने एक बार तीन ट्रैक्टर को रोक रखे थे। जिसके बाद एसडीएम को ट्रैक्टर सौंप दिया गया। लेकिन कुछ दिनों बाद फिर उन्ही ट्रैक्टरों से रेत धुलाई की जा रही थी। ऐसे में कसडोल राजस्व विभाग पूरी तरह सुस्त और सिस्टम बेहाल नजर आ रही है।

महानदी से लगे कसडोल तहसील के गाँव के रेत घाट में एसडीएम ने बीते कुछ हफ्तों से दबिश कर रहे थे । ज्ञात हो कि यह सिलसिला ज्यादा ही हो जाने के कारण ट्रैक्टर मालिकों द्वारा आज तहसील व अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय प्रांगण में 50 ट्रैक्टर के साथ नारे लगाए गए ।

“एस डी एम हाय हाय “

।अवैध वसूली बंद करो । एसडीएम हाय हाय कह के नारे लगाए।

error: Content is protected !!